अगर बच्चे बोर होते है तो इससे भी कुछ नया सीखते है जैसे की इस खबर में पढ़े
- By Sheena --
- Saturday, 24 Jun, 2023
Being Bore Is Good For Kids
Being Bore Is Good For Kids : बोर होना भी जीवन में जरूरी है इस कंडीशन में लोगो को बहुत अच्छे सुझाव मिलते है और इतना ही नहीं ये बच्चो को भी बहुत क्रिएटिव बना देता है। जैसे ये तो सभी की बचपन की यादों की बात होगी की गर्मी के दिनों में कभी देर तक जागना, उठना भी देर से, दिनभर खेल-कूद इसके बावजूद भी कुछ बोरियत महसूस होना। माता-पिता जरा भी चिंता नहीं करते थे। इसके उलट आज बच्चों के पास करने के लिए बहुत कुछ है, फिर भी वे बोर होने लगते हैं। मां-बाप को बच्चों के बोर होने या ऊबने से बचाने के लिए उसी तरह गुमराह करते हैं, जिस तरह निराश, उदास या गुस्सा न होने के लिए। एक स्टडी में कहा गया है की बोरियत... सामान्य, प्राकृतिक और स्वस्थ है। यह बच्चों को सीखने का बड़ा मौका दे सकती है। तो जानते है की बोरियत से बच्चे क्या सीख सकते हैं...
खुद को व्यक्त करना
बोरियत बच्चों को रचनात्मकता और समस्या को सुलझाने के लिए प्रेरित करती है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में मनोवैज्ञानिक प्रो. एरिन वेस्टगेट इस स्थिति की तुलना डैशबोर्ड पर लगे इंडिकेटर से करते हैं। वे कहते हैं- बोरियत बताती है कि आप जो कर रहे हैं, उसमें आपको मजा नहीं आ रहा। या तो वह बहुत आसान है या फिर बहुत मुश्किल। ऐसे में पैरेंट्स बच्चों की मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अकेले होने पर बच्चे ध्यान चाहते हैं, तब वे कहते हैं कि ऊब गए हैं। इससे आपको उनसे पूछने में मदद मिल सकती है कि उन्हें आराम चाहिए या किसी के साथ की जरूरत है। हमारे पास इस तरह की भावना को सामान्य बनाने का हुनर होता है, उनका ध्यान किसी रचनात्मक चीज में बंटा सकते हैं। बोरियत बच्चों को उन गतिविधियों के साथ प्रयोग करने का मौका देती है जो उन्हें दिलचस्प लगती हैं।
डॉ. वेस्टगेट कहते हैं, यदि बच्चों को आंगन में खुला छोड़ देते हैं, तो वे शुरुआत में ऊब महसूस कर सकते हैं, पर वे उस भावना को रोकने के या उसे हल करने के लिए सीख सकते हैं। चाहे वह गेंद के साथ खेलना हो या चाक के साथ फुटपाथ पर ड्राइंग करना हो। बच्चों को फ्री नहीं छोड़ेंगे और क्रिएटिव नहीं होने देंगे तो वे कभी प्रकृति, खेल या कला के लिए सहज प्रेम अनुभव नहीं कर सकेंगे। साधनों की पहचान और उनका विकास जीवनभर काम आता है।
सकारात्मक होना
पैरेंट्स अक्सर बोरियत से डरते हैं। पर ध्यान रखें, खाली वक्त खोज के लिए जगह बनाता है। बच्चों से उनकी पसंद पूछें, क्या वे कोई सीरियल या कार्टून देखना चाहेंगे। बच्चों को उन चीजों के बारे में याद दिलाएं, जिनमें उनकी रुचि है, या वे जिनकी परवाह करते हैं। यह बिल्कुल उस तरह है, जैसे बच्चों को कमरे में अकेले छोड़ना या किताबें और पजल्स देना। जो उनके लिए सार्थक भी है। उन्हें टास्क दें कि घर के हर कोने में राउंड लगाकर तीन विचारों के साथ आपके पास आएं। उनकी बोरियत सकारात्मकता में बदल जाएगी। बच्चे जब ऊबने लगते हैं तो स्क्रीन की डिमांड करते हैं। पर इस स्थिति में क्या करना है, ये आपसे बेहतर कोई नहीं जानता।